देश में मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी करने वाले निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय में हुए छात्र-अभिभावक मंच के प्रदर्शन के बाद निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए हर जिला में तीन कमेटियां गठित की गई हैं।
बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित निजी स्कूलों का निरीक्षण होगा। मंगलवार को भी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। उपमंडल स्तर के स्कूलों का निरीक्षण 21 अप्रैल तक होगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए जिला उपनिदेशकों की अगुवाई में पांच-पांच सदस्यीय कमेटियां गठित की गई हैं। पहली कमेटी में उच्च शिक्षा के जिला उपनिदेशक को चेयरमैन और नजदीकी स्कूलों के दो प्रिंसिपलों, उपनिदेशक कार्यालय के एक अधीक्षक और एक वरिष्ठ सहायक को सदस्य बनाया गया है।
दूसरी कमेटी में उपनिदेशक निरीक्षण को चेयरमैन और नजदीकी स्कूलों के दो प्रिंसिपलों, उपनिदेशक कार्यालय के एक अधीक्षक और एक वरिष्ठ सहायक को सदस्य बनाया गया है। तीसरी कमेटी का चेयरमैन उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा को बनाया गया है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
इस कमेटी में नजदीकी स्कूलों के दो प्रिंसिपलों, उपनिदेशक कार्यालय के एक अधीक्षक और एक वरिष्ठ सहायक को सदस्य बनाया गया है। यह तीनों कमेटियां अपने-अपने जिलों में स्थित निजी स्कूलों का निरीक्षण करेंगी।
उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि जिला मुख्यालयों में स्थित निजी स्कूलों की रिपोर्ट 11 अप्रैल को निदेशालय में देने को कहा गया है जबकि उपमंडल स्तर के स्कूलों की रिपोर्ट 22 अप्रैल तक मांगी गई है।
नर्सरी से लेकर जमा दो कक्षा तक बीते साल के मुकाबले इस बार कितनी हुई फीस बढ़ोतरी।
सरकार से मंजूरी लिए बिना कितने स्कूल परिसरों में बेची जा रही ड्रेस और स्टेशनरी।
विद्यार्थियों को दी जा रही ट्रांसपोर्ट सुविधा के लिए कितनी वसूली जा रही है फीस।
कितने स्कूलों में अभी तक गठित नहीं की गई है पेरेंट्स एंड टीचर एसोसिएशन।